Sunday 26 June 2011

freedom

Aching for freedom
Freedom in belonging
Freedom from self

Longed for, for too long,

Freedom from the racket inside,
from the silence outside
Engulfed by indifference,
hoping for conflict

Pained by every stifled plan, every wish,
suppressed by apathy, sometimes her own

Longing for life to be fair?
fooling oneself for so long

Rage & zest reduced to the occasional tear

Suffocated into numbness,
away from anger, despair, fear, desire, hope & glee...

This is FREEDOM.
Is it not?

Sunday 12 June 2011

ज़िन्दगी

शहर के बीचोंबीच एक खूबसूरत मकान है मेरा. पुरखों ने छोड़ी हुई कुछ दौलत और मैनेजर की नौकरी भी.
दिन गुज़रता है मेरा नोट कमाने में. आखिर जवानी में  न कमाऊंगा तो बाकी ज़िन्दगी आराम से कैसे कटेगी?
लेकिन जवानी सिर्फ कमाने के लिए तो नहीं है , शाम होते ही दफ्तर से घर लौटता हूँ , तैयार होता हूँ और निकल जाता हूँ अपनी गाडी में... महफ़िलें सजती है यारों के साथ. कभी शेरो-शायरी , कभी नाच-गाना और कभी हसीनाओं के बीच दिल बहला लेता हूँ . देर रात घर लौटता हूँ और फिर सुबह दफ्तर चला जाता हूँ.
इससे ज्यादा खुशहाल ज़िन्दगी क्या होगी ?  कोई कमी न थी जीवन में.संतुष्ट हूँ मैं अपनी दुनिया में.

                  आते जाते यूँ ही कभी कभी उसे देखता हूँ ...सोचता हूँ, न जाने कितने दिनों से वह सोया न होगा, न जाने कब उसने सुकून से बैठकर खाया होगा. बाल बिखरे हुए , आँखों में कभी एक उदासी नज़र आती है, कभी प्यास छलकती है तो कभी एक हलकी सी मुस्कान भी. अपनी ही दुनिया में खोया हुआ पाता हूँ उसे.
उसका नाम तो नहीं मालूम मुझे. सुना है कुछ  लोग उसे 'दीवाना' कहते हैं और कुछ 'देवदास'.

कभी मैखाने की तरफ जाता हुआ और कभी सड़कों पर आवारा फिरता हुआ दिखाई देता है मुझे.
समुन्दर के किनारे बैठा हुआ न जाने किसके तसव्वुर में खोया रहता है...किसके इंतज़ार में? मुस्कान और आंसूं एक साथ हैं उसके चेहरे पर...

तरस आता था मुझे उसकी हालत पर. मेरी ही उम्र का लगता है वह. क्यूँ अपना यौवन यूँ बर्बाद किये जा रहा है?
यह भी कोई ज़िन्दगी है ?  क्यों न मैं दोस्ती का हाथ बढाऊँ और उसे जीना सिखाऊँ...
खुद को रोक नहीं पाया. मैंने कहा, " भाई मेरे, क्यों इस तरह अपना जीवन बर्बाद करते हो? मेरी तरफ देखो.ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है.उसे सही तरीके से जिया करो."
हंसकर वह बोला, " मुझे तरस आता है तुमपर , मोहब्बत कभी न की तुमने और कहते हो की जी रहे हो!